जय श्री कृष्ण
!!..श्रीराधका त्यागमय एकांकी निर्मल भाव..!!
Radha Krishna Ke Prem Ka Kaaran
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Radha Krishna Ke Prem Ka Kaaran |
श्रीकृष्ण का प्रेम प्राप्त करने का सर्वश्रेष्ठ साधन
दोस्तो आज हम आप बताएँगे राधा कृष्ण के प्रेम का कारण( Radha Krishna Ke Prem Ka Kaaran ) और राधा कृष्ण को कितना प्यार करती थी या उस्का एसा क्या करण था ? शुरू करने से पहले दोस्तों आपको बतादे की यदि आपको यह कहानी अच्छी लगती है तो कृपया इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर कीजिये ताकि वह भी इन कहानियो का आनंद ले सके। तो चलिए शुरू करते है।
Radha Krishna Ke Prem Ka Kaaran
!....एक दिन श्रीराधा जी एकांत मे महान भाव मे निमग्र बैठी थी! तभी एक श्रीकृष्ण अभिलाषिनी सखी आकर बड़ी ही नम्रता से उनसे प्रियतम कृष्ण और उनका विशुद्ध अनन्य प्रेम प्राप्त करने का सर्वश्रेष्ठ साधन पूछा......
बस, कृष्ण के प्रेम के साधन का नाम सुनते ही श्रीराधा जी के नेत्रों से आँसूओ की धारा बह चली,ओर वे रोते हुए बोली-..
अरि सखी!मैं क्या साधन बताऊं,मेरे पास तो कुछ और नही! मेरे तन,मन,प्राण,धन,जन,कुल,घर,शील,मान,अभिमान-सभी कुछ एकमात्र वे श्यामसुंदर ही है।..इस राधा के पास अश्रुजलो को छोड़कर ओर कोई धन है ही नही, जिसके बदले मे उन प्रेमधन स्वयं नीलकांतिमणि को प्राप्त किया जा सके!
सजनी!तुम यह निश्चित परम् सारका सार समझो-
..!! अमूल्य श्यामप्रेम का मूल्य केवल पवित्र आँसूओ की धारा ही है!!..
सब कुछ उन्हींको समर्पण, कर सब कुछ उन्ही को समझकर उन्ही के प्रेमसे, उन्ही के लिए जो निरन्तर प्रेमअश्रुओ की धारा बहती रहती है, बस, वह पवित्र अश्रुजल ही उनके प्रेमको प्राप्त करने का एकमात्र उपाय है!!यह है उनके साधन का स्वरूप'..!!
Radha Krishna Ke Prem Ka Kaaran
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