मेरे भैया मुझे गिफ्ट नहीं एक वचन चाहिए
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मेरे भैया मुझे गिफ्ट नहीं एक वचन चाहिए
शुरू करने से पहले दोस्तों आपको बतादे की यदि आपको यह कहानी अच्छी लगती है तो कृपया इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर कीजिये। तो चलिए शुरू करते है।
बहन ने भाई की कलाई पर राखी बांधी ....
भाई को उसकी मनपसंद मिठाई खिलाई. बदले मे भाई ने हर बार की तरह जेब मे हाथ डालकर नोटों से भरा एक लिफाफा निकला और पास रखे एक खूबसूरत गिफ्ट को उठाकर बहन को उपहार स्वरूप देने लगा.....
मगर बहन ने कहा - भैया मुझे ये पैसे और गिफ्ट नही चाहिए .........
भाई - तो ...... फिर कया चाहिए मेरी बहना को ......भाई ने बहन के गालो पर हल्के से हाथों को लगाकर बोला..
बहन - बस एक " वचन " दो
भाई - तेरी रक्षा का वो तो मेरी जिम्मेदारी है पगली ....
बहन - नही .... भैया बस इतना वचन दो की जब मम्मी पापा बूढ़े हो जाएं तो उन्हें वृद्धा आश्रम में कभी नहीं छोड़ोगे !
बहन ने भाई की कलाई पर राखी बांधी ....
भाई को उसकी मनपसंद मिठाई खिलाई. बदले मे भाई ने हर बार की तरह जेब मे हाथ डालकर नोटों से भरा एक लिफाफा निकला और पास रखे एक खूबसूरत गिफ्ट को उठाकर बहन को उपहार स्वरूप देने लगा.....
मगर बहन ने कहा - भैया मुझे ये पैसे और गिफ्ट नही चाहिए .........
भाई - तो ...... फिर कया चाहिए मेरी बहना को ......भाई ने बहन के गालो पर हल्के से हाथों को लगाकर बोला..
बहन - बस एक " वचन " दो
भाई - तेरी रक्षा का वो तो मेरी जिम्मेदारी है पगली ....
बहन - नही .... भैया बस इतना वचन दो की जब मम्मी पापा बूढ़े हो जाएं तो उन्हें वृद्धा आश्रम में कभी नहीं छोड़ोगे !
सदा उनकी सेवा करोगे उन्हें प्यार सम्मान दोगे ,कभी उनके कंपकपाते हाथों से कुछ टूट जाए तो उन पर आप कभी नाराज नहीं होंगे इतना कहते-कहते उसके आंखों में आंसू आ जाते हैं !
भाई - उसके आंखो के आंसुओं को पोछते हुए कहता है मैने ये पक्का" वचन " दिया मगर ये मेरी नही हर बेटे की जिम्मेदारी है और हर बेटे का फर्ज है और उस बेटे का सौभाग्य की उसे अपने मम्मी पापा के साथ रहने का सुनहरा अवसर मिले और उनकी सेवा करें ...।
मगर मेरी बहन बदले मे मुझे भी तुझसे एक " वचन " चाहिए ...
बहन - हां भैया मांगो ...इस उपहार के बदले आप कुछ भी मांग लो....
भाई - बस मुझे इतना " वचन " दे ससुराल मे अपने सास ससुर को मम्मी पापा जैसा आदर सम्मान देगी कभी अपने पति से उनकी बुराई नही करेगी ना कभी उन्हें वृद्ध आश्रम भेजने पर मजबूर करेगी......
बहन ने खुशी से भाई को " वचन " दिया ।
आइए हम सब मिलकर एक नई परमपारा की शुरुआत करें भाइयों से मेरा हाथ जोड़कर विनती है कि अपने माता पिता की सेवा मान-सम्मान और हर बहन ससुराल मे सास ससुर को माता पिता मानकर उनकी सेवा व मान सम्मान दे और उन्हें भरपूर प्यार दे तो दुनिया मे कभी किसी वृद्धा आश्रम की कोई जरूरत नही होगी.. मित्रों इसे अधिक से अधिक शेयर करें ताकि नई परम पारा की शुरुआत हो सके ,,,,,,,,, रक्षाबंधन की आप लोगों को ढेर सारी शुभकामनाएं
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